Showing posts with label Teachings. Show all posts
Showing posts with label Teachings. Show all posts

Tuesday, August 16, 2016

जम्भ वाणी शब्दो की व्याख्या के किये विनती

मेरी तरफ से पुरे बिश्नोई समाज को नमन प्रणाम ।  जम्भ वाणी में जो शब्द हमने लिखे है । हमें  उन शब्दो का पूर्ण  रूप से मतलब के साथ व्याख्या  चाहिए ।  मेरी गुजारिश है सभी बिश्नोई युवाओ से की वो थोड़ा समय  निकाल  के हमें जम्भ वाणी को और भी बेहतर बनाने में सहायता करे । हर  बिश्नोई यदि 1 शब्द की  व्याख्या  भी भेजता है तो भी 120  बिश्नोइयो की मदद से हम से ये काम आसान बना  सकते हैं । तो कृपया करके थोड़ा समय निकाल के गुरु महाराज की अमृत वाणी को ऑनलाइन करने में सहायता करें । आप er.sanjeevbishnoi@gmail.com  या 9780377429 पर व्हाट्सएप्प कर सकते हैं । 

Tuesday, September 23, 2014

जीव दया पालणी

जीव दया नित राख
अरु मान गुरु फरमाणो।
वन’जीव तांही तजी काया,
पंथ लाजो शैतानो॥
पंथ लाजो शैतानो,
मृघ न जीवन दीन्हों।
पायो बैकुंठे वासो, ज्यूं
कर्म विशेष कीन्होँ॥

गुरु राह जद चाल्यो
शैतानो, पंथा मान बढ़ायो।
जीव बचावत मौत आयी
कदम न पीछे बढ़ायो॥
कदम आगे बढ़ायो,
हरिण तांही जीवन दीन्हों। 
पायो जन्म मरण छुटकारो, ज्यूं
कर्म विशेष कीन्होँ॥

अमर हुयो शहीद शैतान
बढ़ायो पंथ रो मान।
बच्चे, पत्नी नम भई
जद मिल्यो मान सम्मान॥
मिल्यो मान सम्मान
शहीद रो दर्जो दीन्हों।
जग फैली शौर्य गाथा ज्यूं
कर्म विशेष कीन्होँ॥

अमर शहीद शैतान को
‘जय’ नित निवाव शीश।
धन्य हुई मात बीरादे
जो पायो ‘शैतान’ आशीष॥
पायो शैतान आशीष
प्रभु थे उपकार कीन्होँ। 
पंथ हुयो श्रेष्ठ, ज्यूं
कर्म रो फल लीनो॥