तर्ज- बीरा रे आज म्हारो...
सहियाँ आज सोने रो सूरज ऊगियो।
हुयो पींपासर में विष्णु रो अवतार।
लोहट घर बाजा बाजिया।। टेर।।
सहियाँ आज सोने रो सूरज ऊगियो।
लियो पींपासर में जाम्भेजी अवतार।
लोहट घर बाजा बाजिया ।। 1।।
सहियाँ चारभुजा धारी बालक प्रगटियो।
माता हँसादेवी हरख मनाय।
लोहट घर बाजा बाजिया।। 2।।
सहियाँ बालकिये रो रूप दीखे सोवणो।
ओ तो आयो आयो सागी नन्दलाल।
लोहट घर बाजा बाजिया।। 3।।
सहियाँ बालकिये ने नीरख म्हे तो सुख पावाँ।
भयो पींपासर में आनन्द उच्छाव।
लोहट घर बाजा बाजिया।। 4।।
सहियाँ ए घर घर बँटत बधाईयाँ।
गावे नर-नारी मंगलाचार।
लोहट घर बाजा बाजिया।। 5।।
सहियाँ बधाई में गऊवाँ दीन्ही दूझती।
लोहट अन्न धन रहिया है लुटाय।
लोहट घर बाजा बाजिया ।। 6।।
सहियाँ आज दिवस भलो आवियो।
कवि रामरतन जस गाय।
लोहट घर बाजा बाजिया।। 7।
सहियाँ आज सोने रो सूरज ऊगियो।
हुयो पींपासर में विष्णु रो अवतार।
लोहट घर बाजा बाजिया।। टेर।।
सहियाँ आज सोने रो सूरज ऊगियो।
लियो पींपासर में जाम्भेजी अवतार।
लोहट घर बाजा बाजिया ।। 1।।
सहियाँ चारभुजा धारी बालक प्रगटियो।
माता हँसादेवी हरख मनाय।
लोहट घर बाजा बाजिया।। 2।।
सहियाँ बालकिये रो रूप दीखे सोवणो।
ओ तो आयो आयो सागी नन्दलाल।
लोहट घर बाजा बाजिया।। 3।।
सहियाँ बालकिये ने नीरख म्हे तो सुख पावाँ।
भयो पींपासर में आनन्द उच्छाव।
लोहट घर बाजा बाजिया।। 4।।
सहियाँ ए घर घर बँटत बधाईयाँ।
गावे नर-नारी मंगलाचार।
लोहट घर बाजा बाजिया।। 5।।
सहियाँ बधाई में गऊवाँ दीन्ही दूझती।
लोहट अन्न धन रहिया है लुटाय।
लोहट घर बाजा बाजिया ।। 6।।
सहियाँ आज दिवस भलो आवियो।
कवि रामरतन जस गाय।
लोहट घर बाजा बाजिया।। 7।
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