Friday, June 5, 2015

युग पुरूष चौधरी भजनलाल बिश्नोई

युग युगान्तर तक जिन्दा रहेगी युग पुरूष की यादें !
"चौधरी भजनलाल बिश्नोई" 
राजनीति के पुरोधा, आधुनिक हरियाणा के निर्माता,
और बिश्नोई समाज के अमूल्य रत्न....।
हर दिल अजीज शख्सियत..विरोधियों में भी प्रिय..
वे मात्र एक राजनेता ही नहीं, बल्कि दैवीय गुणों और अद्भुत शक्तिसंकल्प सम्पन्न महापुरूष थे ।
जो अपने लोकहितकारी कार्यों व करिश्मों से सचमुच फरिश्ते से जान पड़ते थे। 
6 अक्टूम्बर, 1930 को तात्कालीन बहावलपुर (अब पाकिस्तान में) श्रीमती कुंदना देवी व श्री खेराजजी मांझू के घर कोई साधारण बालक नहीं जन्मा, बल्कि युग निर्माता, महान समाज सेवक, कुशल व सिद्धांतपटु राजनेता और नेक दिल इन्सान चौधरी भजनलाल का अवतरण हुआ था। 
बहुमुखी प्रतिभा के धनी चौधरी भजनलाल जी ने इण्टरमीडिएट तक शिक्षा प्राप्त की । 
अपनी युवावस्था में ही उन्हें राष्ट्र विभाजन प्रदत संघर्ष व अंतहीन परेशानियों का सामना करना पड़ा। 
विभाजन के बाद चौधरी साहब पाकिस्तान छोड़कर भारत आ गये तथा यहां आदमपुर को अपनी कर्मस्थली बनाया। यहां उन्होने वस्त्र व्यापार किया, गौ-घृत के व्यवसाय में भी हाथ आजमाए । 
अपने मधुर व्यवहार, ईमानदारी और कर्मठता के बल पर उन्होने अपनी छवि बनाई, परिक्षेत्र में प्रखर पैठ अर्जित की । 
श्री भजनलाल जी का विवाह लालवास गांव के श्री बृजलाल जी ज्याणी की सुपुत्री जसंमा देवी से हुआ। हर सफल व्यक्ति की तरह ही चौधरी भजनलाल जी को मिली सफलताओं में, उनकी अर्द्धांगिनी का कदम-कदम पर भरपूर सहयोग रहा । 
सुखद दाम्पत्य के दौरान चौधरी भजनलाल जी व श्रीमती जसमां देवी को रोशनी के रूप में सुपुत्री तथा
चन्द्रमोहन व कुलदीप के रूप में पितृ-आज्ञा शिरोधार्य करने वाले सुपुत्र-द्वय की प्राप्ति हुई। 
जनसेवा और समाज सेवा की भावना चौधरी भजनलाल जी में कूट-कूट कर भरी थी। वे जानते थे कि बिना राजनीति के न तो समाज सेवा की जा सकती है और ना ही जन सेवा। अतएव सर्वप्रथम 1960 में हरियाणा पंचायत चुनावों लोकप्रिय चौधरी भजनलाल जी ने ग्राम पंच का चुनाव लड़ा तथा विजयश्री के साथ ही,
सक्रिय राजनीति में पदार्पण किया और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। 
कालांतर में वे जिला परिषद के सदस्य फिर चैयरमेन बने। 
नौ बार विधायक, तीन बार हरियाणा सरकार में मंत्री, तीन बार हरियाणा राज्य के मुख्यमंत्री, दो बार केन्द्रीय मंत्री, तीन बार लोकसभा सदस्य व एक बार राज्यसभा सांसद बने । संसदीय जीवन के दौरान एकाधिक बार केन्द्र सरकार में केबिनेट मंत्री भी रहे ।
50 वर्ष के सुदीर्घ व यशस्वी राजनैतिक जीवन में चौधरी साहब ने हरियाणा प्रदेश व बिश्नोई समाज के विकास में किञ्चित कोर-कसर न छोड़ी। 
उच्च राजनैतिक पदों पर रहते हुए भी, उन्होंने समाज की चहुँमुखी उन्नति के प्रयास सर्वदा किए । 
बिश्नोई समाज के प्रत्येक व्यक्ति के प्रति उनके मन में अथाह प्रेम था, गुरू जम्भेश्वर भगवान उनके रग-रग में बसते थे ।
यही वजह रही कि उन्होंने गुरू महाराज की शिक्षाओं और बिश्नोई समाज के पर्यावरण प्रेम को विश्वपटल पर मजबूती से रखा । 
उन्होंने बिश्नोई समाज के मन्दिरों व धर्मशालाओं के नवनिर्माण, पुनरुद्धार और विकास में अहम व अविस्मरणीय योगदान दिया । 
निज मन्दिर मुकाम में भव्य मंदिर व 
नई दिल्ली स्थित गुरू जम्भेश्वर संस्थान भवन के भूमि-आवंटन व निर्माण में, चौधरी साहब का मुख्य योगदान रहा। बिश्नोई समाज और हरियाणा प्रदेश ही नहीं भारतीय राजनीति में चौधरी भजनलाल जी का नाम बड़े अदब और सम्मान के साथ लिया जाता रहा है। 
चौधरी भजनलाल ने अपने जन हितैषी कार्यों से बिश्नोई समाज, हरियाणा प्रदेश और भारतीय राजनीति को जो नव आयाम दिया वो किसी से छिपा हुआ नहीं हैं ।
प्रजावत्सल व जनप्रिय चौ. साहब ने सुदीर्घ जीवन पाया। 
80 वर्ष, 7 मांह, और 27 दिन की अवस्था में 3 जून, 2011 को शाम 4 बजे चौधरी भजनलाल बिश्नोई देश और दुनियां में अपना यश फैलाकर इस धरा धाम से विदा हुए। चौधरी साहब के यूँ ही, अकस्मात् चले जाने से एक पल मानों समय थम सा गया ! 
कोई भी इस कटु सत्य को स्वीकार करने को तैयार नहीं था, पर विधि के विधान के समक्ष सब बेबस और नतमस्तक थे। 
आज चौधरी साहब की चौथी पुण्यतिथि है ।
आइए ! उनके आदर्शों को जीवन में उतारें..।
यही उनके प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी ।
विश्नोई समाज की, इस अनुपम, अद्भुत व अद्वितीय दिव्यात्मा को,
कोटिश्च नमन....वंदन !

1 comment:

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